मंगलवार को फेसबुक ने अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी की। इसमें 2019 में दुनियाभर से यूजर डेटा के लिए आईं रिक्वेस्ट की जानकारी सामने आई। रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स डेटा के लिए सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट भेजने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर रहा जबकि सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट अमेरिका ने भेजी। भारत सरकार ने फेसबुक को 49 हजार लीगल और इमजरेंसी रिक्वेस्ट भेजी। साल 2018 में यह आंकड़ा 37 हजार था। कंपनी ने बताया कि 2019 की दूसरी छमाही में दुनियाभर की सरकारों द्वारा यूजर डेटा रिक्वेस्ट में 9.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई।
फेसबुक के वीपी और डिप्टी जनरल काउंसिल क्रिस सोनडरबी का कहना है कि, 2019 की आखिरी 6 महीनों में सरकार द्वारा यूजर डेटा के लिए रिक्वेस्ट भेजने का आंकड़ा 9.5 फीसदी बढ़ी, जो 1,28,617 से बढ़कर 1,40,875 तक पहुंच गया। इसमें सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट अमेरिका द्वारा भेजी गई जिसके बाद भारत, यूके, जर्मनी और फ्रांस का नंबर आता है।
भारत ने भेजी 49,000 बार रिक्वेस्ट भेजी
- 2019 की पहली छमाही में भारत ने यूजर्स की जानकारी मांगने के लिए 22,684 रिक्वेस्ट भेजी, जबकि दूसरी छमाही में भारत सरकार ने 26,698 बार रिक्वेस्ट भेजी। हालांकि फेसबुक ने सिर्फ 15,206 अकाउंट का डेटा प्रोड्यूस किया था। 2018 में भारत सरकार ने सिर्फ 37000 रिक्वेस्ट भेजी थीं।
- दूसरी छमाही में भेजी गई कुल रिक्वेस्ट में से 24,944 लीगल रिक्वेस्ट थीं, जबकि 1,754 इमरजेंसी रिक्वेस्ट थीं। लीगल रिक्वेस्ट कानूनी प्रक्रिया जैसे सर्च वारंट के लिए भेजी जाती है बल्कि इमरजेंसी रिक्वेस्ट किसी प्रकार का रिस्क होने पर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के भेजी जाती हैं।
इमरजेंसी में बिना कानूनी प्रक्रिया के रिक्वेस्ट भेज सकते हैं
फेसबुक ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि आपात स्थिति में, कानून प्रवर्तन कानूनी प्रक्रिया के बिना रिक्वेस्ट भेज सकता है। परिस्थितियों के आधार पर, हम कानून प्रवर्तन के लिए स्वेच्छा से जानकारी का खुलासा कर सकते हैं जहां हमारे पास यह विश्वास करने का एक अच्छा विश्वास कारण है कि इस मामले में गंभीर शारीरिक चोट या मृत्यु का आसन्न जोखिम शामिल है।
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